Husbandry of Animals : खुरपका और मुंहपका रोग से पशुओं को मुफ्त टीकाकरण के जरिए दिलाएं निजात

भारत सरकार ने फुट एंड माउथ डिजीज (एफएमडी) जिसे खुरपका और मुंहपका कहा जाता है, को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत देशभर में मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया है। इस योजना का लक्ष्य 2025 तक एफएमडी पर नियंत्रण और 2030 तक उन्मूलन है। एफएमडी गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और सुअर में फैलने वाली खतरनाक बीमारी है। इससे दूध उत्पादन 10-15% तक घटता है और बछड़ों की संख्या कम हो जाती है।
क्या होते हैं लक्षण ?
पशु चिकित्सक के मुताबिक, खुरपका-मुंहपका बीमारी से ग्रस्त जानवरों में तेज बुखार होता है। उनके मुंह मसूड़े और जीभ पर छाले हो जाते हैं और वह लगातार लार टपकाते रहते हैं। वहीं, जानवरों के खुरों के बीच छाले हो जाते हैं और वह चलने में असमर्थ होते हैं।
पैरों में पड़े छालों में कीड़े पड़ना शुरू हो जाते हैं जिससे जानवरों को गहरे जख्मों का सामना करना पड़ता है। दुधारू पशुओं के थनों में भी छाले फैल जाते हैं, जिससे दूध उत्पादन में गिरावट आ जाती है। कुछ पशु हांफने भी लगते हैं।
मुफ्त टीकाकरण करवाएं...
खुरपका- मुंहपका बीमारी के लक्षण नजर आते ही पशुपालक तुरंत अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें और मुफ्त टीकाकरण करवाएं। 100% संवेदनशील पशुओं का हर 6 महीने में टीकाकरण होना जरूरी है। टीका और कान टैगिंग बिल्कुल मुफ्त है। पशुपालक समय पर टीकाकरण कराएं जिससे पशु सुरक्षित रहे। बीमार पशु को अलग रखें और तुरंत रिपोर्ट करें। पशुशाला की सफाई और बायो-सिक्योरिटी पर ध्यान दें।
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