प्राकृतिक आपदाओं से अलर्ट रहने के लिए विकसित हुई तकनीक, एआई ने निभाई अहम भूमिका

प्राकृतिक आपदाओं को रोकने व उससे होने वाली क्षति को कम करने के लिए अब आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। इसी को लेकर लोकसभा में जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने एक लिखित जवाब में बताया कि ऐसे संकट से निपटने के लिए केंद्रीय जल आयोग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित एक नया बाढ़ पूर्वानुमान मॉडल विकसित किया है, जो समय से पहले न केवल बाढ़ की सटीक जानकारी देगा बल्कि यह मॉडल बाढ़ चेतावनी स्टेशनों पर काम करेगा और शॉर्ट टर्म भविष्यवाणी करने में सहायता करेगा।
उन्होंने बताया कि इस तकनीक को तकनीक स्मार्ट जल संसाधन मॉडलिंग संगठन ने तैयार किया। इसे सितंबर 2024 में केंद्रीय जल आयोग के तहत बनाया गया था, इसके लिए जरूरी संसाधन और फंड 'जल संसाधन सूचना प्रणाली योजना' के तहत दिया गया है। केंद्रीय जल आयोग अब 7 दिन पहले ही बाढ़ की आशंका को लेकर जानकारी देने लगा है। इससे प्रदेशों और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट जारी करने व लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद मिलेगी। वर्तमान समय में आयोग 350 स्टेशनों से बाढ़ से जुड़ी चेतावनियां जारी करता है।
ऐसे मिलेगी जानकारी
बाढ़ की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए दो सरकारी पोर्टल बनाए गए हैं -
वर्तमान स्थिति की जानकारी के लिए https://ffs.india-water.gov.in
7 दिन पहले की भविष्यवाणी के लिए https://aff.india-water.gov.in
सोशल मीडिया पर भी मिलेगा अपडेट
मंत्री ने बताया कि इसके अलावा, फेसबुक, एक्स और फ्लड वॉच इंडिया मोबाइल ऐप पर भी यह जानकारी साझा की जाती है। जल आयोग की यह प्रणाली अब ‘कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल’ के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन विभागों से भी जुड़ गई है।
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