टीएसपी खाद के छिड़काव से फसलों को मिलेगा लाभ

कम लागत में किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें, इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने उनके लिए जरूरी निर्देश जारी किया है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, जबलपुर के अधिकारियों ने किसानों को खरीफ फसलों में डीएपी के विकल्प के तौर पर ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (टीएसपी) खाद के इस्तेमाल की सलाह दी है। अधिकारियों के अनुसार टीएसपी में फास्फोरस के साथ कैल्शियम भी होता है और किसान यदि डीएपी की जगह पर एक बोरी टीएसपी में बीस किलो यूरिया मिलाकर इस्तेमाल करते हैं तो इससे अधिक अच्छे परिणाम नजर आएंगे।
टीएसपी खाद के इस्तेमाल से होगा लाभ
कृषि विभाग के उप संचालक डॉ.एस.के.निगम ने बताया कि किसान फसलों में नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए यूरिया, फास्फोरस के लिए डीएपी एवं पोटाश की पूर्ति के लिए एमओपी उर्वरक का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने टीएसपी को डीएपी का बेहतर विकल्प बताते हुए कहा कि एक बोरी टीएसपी में 46 प्रतिशत फास्फोरस व 15 प्रतिशत कैल्शियम होता है। कैल्शियम पौधों की वृद्धि के लिये एक मुख्य पोषक तत्व है, जो डीएपी में नहीं मिलता है। कैल्शियम से फसलों में कीड़े अथवा बीमारियां लगने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। टीएसपी जड़ों के विकास, फूल और फल की वृद्धि में सहायक होने के साथ ही फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
डॉ. एस.के. निगम का कहना है कि बाजार में डीएपी की कीमत टीएसपी से ज्यादा है। उनका कहना है कि एक बोरी टीएसपी में 20 किलो यूरिया मिलाने से 70 रुपए अधिक खर्च होंगे, लेकिन इससे फसलों को कैल्शियम मुख्य पोषक तत्व के रूप में प्राप्त हो जाएगा।
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