Goat Poultry Farm : मुर्गी व बकरी का एक साथ पालन करने से घटेगी चारे की लागत

कम लागत पर पशुपालन करने की सोच रहे किसानों के लिए अच्छी खबर है। किसान अब मुर्गी और बकरी का एक साथ पालन करके चारे की लागत में कमी लाने के और अपनी आय को बढ़ा सकते है। केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मथुरा के वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि मुर्गियां और बकरियों को एक साथ पालने से उनकी खुराक लागत कम हो जाती है। क्योंकि बकरियों का जो दाना और चारा बचता है उसे मुर्गियां खा लेती हैं। इसे इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम कहा जाता है। उन्होंने बताया कि बहुत से गांवों में इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम के तहत पशुपालन हो रहा है। इसके तहत बकरियों की मेंगनी का इस्तेमाल कर उगाया गया चारा पूरी तरह से ऑर्गनिक होगा। जब बकरियां इस चारे को खाएंगी तो दूध ऑर्गनिक मिलेगा और मीट भी दूषित नहीं होगा।
ऐसे काम करता है सिस्टम
इस सिस्ट्म के तहत एक ऐसा शेड तैयार किया जाता है, जहां बकरी और मुर्गियां दोनों एक साथ आसानी से रह सकें। दोनों के बीत अंतर रखने के लिए लोहे की एक जाली लगाई जाती है। जब बकरियां चरने के लिए जाती है तो इन जालियों को खोल दिया जाता है और मुर्गियां वहां आकर आसानी से चारा खा सकती हैं। इनमें बरसीम, नीम, गूलर और कई तरह के वस्तुएं हो सकती हैं। ऐसे ही चारे की लागत को कम किया जा सकता है।
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