Khurpaka: बारिश के दिनों में पशुओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत

- बारिश में बढ़ जाता है संक्रमण का खतरा, इससे बचने के लिए करें यह उपाय
पशुओं से अच्छी कमाई के लिए उन्नत नस्ल और स्वस्थ पशु होना पहली शर्त है. बरसात के दिनों में पशुओं की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती हो जाती है. इन दिनों ज्यादातर पशुओं में खुरपका बीमारी होने की शिकायत देखी जाती है।
आइए जान लेते हैं कि खुरपका से...
देश में पशुओं का पालन कर लोग अच्छा लाभ कमा रहे हैं। ऐसे में पशुओं की देखभाल भी उनकी ही जिम्मेदारी है, यदि सही और व्यवस्थित तरीके पशुओं का रखा जाए तो वे स्वस्थ रहेंगे और उनसे पशुपालकों को और भी लाभ मिलेगा। बात हो रही पशुओं की बीमारी को लेकर। कुछ पशुपालकों की शिकायत है उनके पशु खुरपका बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे उनकी इस बीमारी और उपचार को लेकर बात होना जरूरी है।
बीमारी और उनके लक्षण
खुरपका बीमारी एक तरह से संक्रमित बीमारी है, जो।एक से दूसरे पशुओं में आसानी से फैलती है। इसके लक्षण यह हैं कि खुरों के बीच और ऊपरी हिस्से में छाले हो सकते हैं। पशुओं को चलने में परेशानी हो सकती है। साथ ही उनके खुरों में कीड़े लगने की भी संभावना प्रबल हो जाती है। इस बीमारी के होने पर उनमें में बुखार, अधिक लार आना या खाना-पानी छोड़ने जैसी समस्या देखी जाती है।
खुरपका रोग क्यों होता है ?
संक्रमण के कारण फैलने वाली यह बीमारी आमतौर पर गंदगी की वजह से होती है। इसका सबसे अधिक प्रभाव बारिश के दिनों में देखने में मिलता है। लगातार कीचड़ या गंदे पानी में खड़े रहने के कारण पशुओं के खुर में गंदगी चली जाती है, जो बीमारी में बदल जाती है, खुजली होने या सफाई करने के लिए पशु बार-बार खुरों तो जमीन पटकते हैं, जिससे चोट लग जाती है और संक्रमण अधिक फैलता है
क्या है उपाय...
इस बीमारी से बचाव के लिए पशुओं की साफ - सफाई पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। जिस शेड के नीचे उन्हें रखा जाय वह साफ और सूखा रहे। हालांकि बारिश के दिनों में जहां वह रहे वहां पर राख व कीटनाशक का छिड़काव बेहद जरूरी है। साथ यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि उनके पास कोई भी संक्रमित पशु या बीमार व्यक्ति न आने पाए। इसके अलावा उन्हें इस बीमारी से सुरक्षित रखने लिए चिकित्सक की सलाह लेकर टीका जरूर लगवाएं।
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