ऐसे करें नैनो डीएपी खाद का इस्तेमाल, बेहतर मिलेगा परिणाम

Aug 2, 2025 - 18:04
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ऐसे करें नैनो डीएपी खाद का इस्तेमाल, बेहतर मिलेगा परिणाम

किसान समय पर फसलों की बुआई कर सकें, इसके लिए सरकार की ओर से कई राज्यों में वैकल्पिक खाद - उर्वरक की व्यवस्था की जा रही है, इसके होने से डीएपी खाद की कमी को भी पूरा किया जा सकता है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन के दौरान डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की कमी को देखते हुए व्यवहारिक विकल्प के रूप में नैनो डीएपी के भंडारण एवं वितरण की विशेष व्यवस्था की है।

  इसके अलावा एनपीके और एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का भी लक्ष्य से अधिक मात्रा में भंडारण कराया गया है। खेती में डीएपी उर्वरक की कमी को पूरा करने के लिए उसके विकल्प के रूप में कृषि वैज्ञानिक के सुझाव के अनुसार किसानों को नैनो डीएपी या एनपीके और सिंगल सुपर फास्फेट खाद की मात्रा का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।

इसके उपयोग से कम होगी खेती की लागत

 नैनो डीएपी आधुनिक और प्रभावशाली तरल उर्वरक है। जो डीएपी के सापेक्ष में कहीं अधिक उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के वैज्ञानिकों ने भी स्कंसमर्थन किया है, उनका कहना है कि इसके इस्तेमाल से खेती की लागत में कमी आती है। साथ ही इसके इस्तेमाल से खेत में पोषण की कमी को पूरा किया जा सकता है, जैसी उत्पादन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी भी होती है। उन्होंने बतायाबकी एक एकड़ धान की फसल के लिए एक बोरी ठोस डीएपी का उपयोग होता है। जिसकी लागत 1350 रूपए होती है, जबकि एक एकड़ में 25 किलो ठोस डीएपी और 500 मिली नैनो डीएपी के मिश्रण का उपयोग किया जाए तो इसकी लागत घटकर 1275 रुपए आती है।

ऐसे करें नैनो डीएपी का छिड़काव

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने एक एकड़ धान की खेती के लिए नैनो डीएपी की उपयोग करने की विधि को विस्तार से बताए है। उनके अनुसार नैनो डीएपी की साढ़े 600 मिली मात्रा एक एकड़ धान की खेती में लगती है। धान की बुआई से पहले एक एकड़ के लिए 30 किलो बीज को 150 मिली नैनो डीएपी को तीन लीटर पानी में घोलकर उसमें बीज उपचारित कर आधा घंटा छाया में सुखाने के बाद बुआई की जाती है। रोपाई के समय 50 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को मिलाकर उसमें थरहा की जड़ों को आधा घंटा डूबाकर रखने के बाद रोपाई तथा फसल बुआई के तीस दिन बाद 125 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को घोलकर खड़ी फसल पर इसका छिड़काव करना होता है। इससे फसलों को पोषक तत्व मिल जाते है। इसका उपयोग करने से किसानों अधिक लाभ मिलेगा।

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