कृषि यंत्र खरीद को लेकर किसानों के लिए जरूरी निर्देश

Aug 5, 2025 - 11:11
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कृषि यंत्र खरीद को लेकर किसानों के लिए जरूरी निर्देश

किसानों की आय बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना, प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप रेज्ड्यू आदि योजना शुरू की हैं। इनमें किसानों को आधुनिक उन्नत कृषि यंत्रों पर सत्यापन के बाद डीबीटी के जरिए कृषि विभाग द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है। सभी योजनाएं केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही प्राप्त होगा, इसलिए किसानों को कृषि यंत्रों की बुकिंग, अन्य निर्धारित प्रकिया व उससे सम्बंधित सावधानियों को लेकर कृषि विभाग जागरुक कर रहा है. कृषि यंत्रीकरण किसानों के लिए योगी सरकार द्वारा संचालित लाभकारी योजना है। 

    कृषि 'यंत्रीकरण योजना' से किसानों को अपने फसलों की उत्पादकता बढाने, समय की बचत और लागत कम करने में मदद मिलती है। कृषि विभाग ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि अनुदान के लिए कई सावधानियों को ध्यान में रखते हुए लाभ जरूरत उठाएं। वहीं वे फसलों में कम लागत पर समय को बचाकर अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। 

   प्रदेश के कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस समय सब मिशन आन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों द्वारा कृषि यंत्रों की बुकिंग की गई है, जिसे ई लाटरी के माध्यम से टोकन कन्फर्मेशन की कार्यवाही की जा रही है। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि यंत्रों की खरीद उन्हीं फर्म से करें, जो फर्म upyantratracking.in पोर्टल पर पंजीकृत हों। वहीं इसके अलावा अन्य किसीे भी निर्माता कंपनियों, डिस्ट्रब्यूूटर्स एवं डीलर से खरीदे गए यंत्रों पर अनुदान देय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों की खरीद के समय सम्बन्धित फर्म से ई वे बिल जरूर लें. यंत्रों पर लेजर कटिंग सीरियल नबंर अनिवार्य रूप से दर्ज होना चाहिए। कृषि यंत्रों की खरीद के लिए फर्म को लागत का कम से कम 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान लाभार्थी के स्वयं के खाते से ही किया जाना अनिवार्य है। 

   कृषि निदेशक के अनुसार जो लाभार्थी पढ़ें लिखे नहीं हैं, वे ब्लड रिलेशन के खाते से कृषि यंत्र के खरीद के लिए फर्म को लागत का कम से कम 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान कर सकते हैं, हालांकि इसके अतिरिक्त 10,000 रुपये से अधिक अनुदान वाले कृषि यंत्र पर उन्हें 100 रुपये के स्टांप पेपर पर नोटरी से सत्यापित कराकर शपथ पत्र देना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि मानव चालित/पशुचालित जिन कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त होगा, अगले तीन वर्ष तक उस पर दोबारा अनुदान अनुमन्य नहीं होगा। इसी प्रकार शक्ति चालित कृषि यंत्रों पर 5 वर्ष की अवधि के बाद ही सम्बन्धित किसान दोबारा उसी प्रकार के कृषि यंत्र का अनुदान प्राप्त कर सकेंगे। वहीं स्थापित किये गये फार्म मशीनरी बैंक, हाई टेक हब फॉर कस्टम हायरिंग एवं कस्टम हायरिंग सेंटर के साथ अलग से खरीद किये गये ट्रैक्टर/कम्बाइन हार्वेस्टर को लाभार्थी द्वारा 10 वर्ष के बाद ही दोबारा अनुदान पर खरीद किया जा सकेगा।

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