Fall Armyworm: मक्के की फसल पर फॉल आर्मीवर्म का कहर, बढ़ रहा संक्रमण

फॉल आर्मीवर्म मक्के की फसल के लिए बेहद हानिकारक है। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में इसका प्रकोप तेजी फेल रहा है, जिसने किसानों के माथे पर बल ला दिया है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश के उत्तरी क्षेत्रों जिनमें कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, ऊना और चंबा जिले शामिल हैं, जहां बड़े पैमाने पर संक्रमण फैला है। कृषि अधिकारियों के अनुसार इन क्षेत्रों में लगभग 1.70 लाख हेक्टेयर में मक्के की बुआई की गई है।
एक दैनिक अखबार ने कृषि विभाग के हवाले से बताया है कि 22 जुलाई तक, इसका संक्रमण ऊना में लगभग 15 प्रतिशत, हमीरपुर में 10-12 फीसदी, कांगड़ा में 12 प्रतिशत, चंबा में 10 प्रतिशत और मंडी में 8 से 10 फीसदी तक दर्ज किया गया था। इसी को लेकर कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने पिछले दिनों बड़े स्तर की बैठक की, जिसमें रासायनिक नियंत्रण पर निर्भरता कम करने के लिए, विशेष तौर पर फसल वृद्धि के प्रारंभिक चरणों में, प्राकृतिक खेती पर आधारित निवारक उपायों को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। इस दौरान क्षेत्र युद्धस्तर पर निगरानी के महत्व का जिक्र किया। इसको लेकर अतिरिक्त कृषि निदेशक (उत्तरी क्षेत्र), डॉ. राहुल कटोच ने कहा कि किसान को अपने खेतों की निगरानी करें। यही कित का प्रभाव 10 प्रतिशत से कम है, तो ऐसे मामलों में, नीम के अर्क या प्राकृतिक खेती में इस्तेमाल होने वाले फॉर्मूलेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन अगर प्रकोप 10 प्रतिशत से ज्यादा है, तो क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल या इमामेक्टिन बेंजोएट (4 मिली प्रति 10 लीटर पानी) जैसे रासायनिक छिड़काव का इस्तेमाल किया जाना आवश्यक हो जाता है।
बेहद हानिकारक कीट है फॉल आर्मीवर्म
फॉल आर्मीवर्म एक बेहद विनाशकारी कीट है, जो मक्के की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसके लार्वा मक्के की पत्तियों, गुच्छों और बालियों को खाते हैं, जिससे उपज में भारी नुकसान होता है। यह पौधे के ऊतकों में छेद करके तनों को खोखला कर देता है और बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इस कीट के बारे में पहली जानकारी साल 2018 में मिली थी।
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