कृषि मंत्री की किसानों से अपील, बोले - जरूरत के अनुसार ही करें उर्वरक की खरीद

किसानों को खरीफ फसलों की रोपाई और गन्ने की खड़ी फसल में टॉप ड्रेसिंग और पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए यूपी सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है। इसी को लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने राज्य के सभी उर्वरक विनिर्माताओं और प्रदायकर्ता संस्थाओं के साथ समीक्षा बैठक की। इसमें खरीफ सीजन के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश को आवंटित यूरिया सप्लाई पर विस्तार से चर्चा की।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश को कुल 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन प्राप्त हुआ है, इसके सापेक्ष अब तक केवल 5.37 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति हुई है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का महज 59 फीसदी है। दरअसल, कुछ कंपनियों की ओर से बेहद कम प्रतिशत में आपूर्ति की गई है, जिससे किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है। उन्होंने बताया कि कृभको द्वारा 36 प्रतिशत, इफको की ओर से 55 प्रतिशत, आरसीएफ की ओर से 63 प्रतिशत और आईपीएल की ओर से महज 8 प्रतिशत आपूर्ति की गई है। जिसको लेकर कृषि मंत्री नाराजगी भी जताई है और शेष आवंटन की पूर्ति के लिए संबंधित कंपनियों को निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि आरसीएफ की ओर से जानकारी दी गई कि आगामी तीन दिनों में प्रदेश को तीन रैक यूरिया भेजा जाएगा, जबकि इफको ने बताया कि वह 21000 मीट्रिक टन यूरिया शीघ्र भेजने जा रही है। जबकि एनएफएल ने शेष 14122 मीट्रिक टन यूरिया इसी माह में उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। इस दौरान उन्होंने कृभको को शाहजहांपुर संयंत्र से तत्काल यूरिया की आपूर्ति कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस समय 9.18 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 5.58 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक मौजूद है। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि उर्वरक की कालाबाजारी की शिकायत मिली तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। कृषि मंत्री ने किसानों से आवश्यकता के अनुसार उर्वरक खरीदने की अपील करते हुए कहा कि किसान आगामी फसलों के लिए उर्वरक खरीद कर भंडारण न करें। ताकि सभी को जरूरत के अनुसार इसकी उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
यहां दर्ज की गई यूरिया की सर्वाधिक उपलब्धता
कृषि मंत्री शाही ने बताया कि वर्तमान में मंडलवार सहकारी एवं निजी क्षेत्र में यूरिया की कुल उपलब्धता 9.18 लाख मीट्रिक टन तथा फास्फेटिक उर्वरकों की उपलब्धता 5.58 लाख मीट्रिक टन है। इनमें सर्वाधिक उपलब्धता कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़ एवं बरेली मंडलों में दर्ज की गई है।
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