Fish Seed : इस तरह से करें मछलियों के बीज का पालन, मिल सकता है सकारात्मक परिणाम
मछली पालन के लिए लोगों को बाजार से मछलियों बीज लाते और तालाब में यह बीज समय के हिसाब से बड़ी और वजनदार मछली बनते है, परंतु यह आवश्यक नहीं कि सभी बीज बड़ी मछली के रूप में तैयार होंगे। हैचरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि कुमार येलंका ने बताया कि अगर किसान तालाब में एक हजार बीज डाले जा रहे हैं तो उसमे से 250-300 बीज ही बड़ी मछली बनेंगे। हां यह जरूर है कि यही तरीका अपनाते हैं तो परिणाम बेहद सकारात्मक होंगे।
मछली पालन के लिए सबसे ज्यादा बीज (हैचरी) पश्चिम बंगाल और आंध्रा प्रदेश में हैं। मछली का बीज तीन साइज जीरा, स्पान और फिंगर साइज में तैयार किया जाता है। लेकिन बाजार में सबसे अधिक मांग जीरा साइज की ही होती है। इसे सीधे तालाब में डालने से सिर्फ 25 फीसदी ही फायदा होता है। लेकिन यदि इन्हें पहले नर्सरी में रखा जाए तो इनकी सफलता दर में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। क्योंकि उन्हें नर्सरी में रखने पर यह फिंगर साइज अथवा 100 ग्राम तक बढ़ सकती हैं। इस दौरान इन मछलियों को सरसों की खल और चावल के छिलके का चुरा खिलाया जाता है। नर्सरी में रखने बाद यदि इन्हें तालाब में डाला जाए तो इनमें 30 से 40 फीसदी का इजाफा होगा।
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