बिना ड्राइवर वाले ट्रैक्टर से होगी खेतों की जुआई, श्रम और समय भी बचेगा
देश खेती - किसानी तस्वीर भी बदलते परिवेश के साथ तेजी से बदल रही है। यही कारण है खेती ही नहीं वरन उसके लिए उपयोगी होने वाले यंत्रों को आधुनिक किया जा रहा है। इसी क्रम में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने एआई तकनीक से लैस देश का सेल्फ-ड्राइविंग ट्रैक्टर पेश कर किसानों को हौसले को और मजबूती दी है। यह ट्रैक्टर ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम की सहायता संचालित होता है।यह सिस्टम ट्रैक्टर को सटीक दिशा में चलने में सहायता करता है, जिससे गलती की संभावना कम हो जाती है। डॉ.गोसल के मुताबिक यह तकनीक विदेशों में पहले से प्रसिद्ध है। देश में मांग बढ़ने पर ट्रैक्टर निर्माता कंपनियां भी इसे अपनाएंगी।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के रिसर्च फील्ड में बगैर ड्राइवर के ट्रैक्टर ने खेत की जुताई कर सबको हैरान कर दिया। यह ट्रैक्टर जीपीएस, सेंसर और टचस्क्रीन कंट्रोल पैनल से लैस है, जिससे यह खेत का आकार, जुताई की दिशा और बाधाओं की पहचान कर सकता है। बड़ी बात यह है कि एक बार निर्देश मिलने के बाद ट्रैक्टर पूरी जुताई खुद करता देता है।
यह है बड़ी खासियत
बिना ड्राइवर के संचालित होने वाले इस ट्रैक्टर की खासियत यह है कि यह कम रोशनी या धुंध में भी सही से कार्य करता है। इसमें एक बार जानकारी फीड कर दी जाए तो यह स्वयं ही दिशा तय कर लेता है, इसके कारण श्रम और समय दोनों की बचत होती है।
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