एक मशीन से कई काम, केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से की यह अपील

खेती की लागत कम कर व फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने नई तकनीक से कृषि यंत्रों को विकसित कर रहे है। इसी को लेकर आईसीएआर-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल की ओर से कई नए कृषि यंत्रों का विकास किया गया है। जिसका अवलोकन 22 जून केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। इस दौरान उन्होंने विकसित प्रौद्योगिकियों को किसानों, विशेषकर छोटे किसानों तक पहुंचाने की प्राथमिकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि भोपाल स्थित आइसीएआर व सीआईएई ने किसान हित में अद्भुत नवाचार किया है। सीआईएई के द्वारा विकसित ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर मशीन से ऊँचे क्यारियों का निर्माण, ड्रिप लेटरल और प्लास्टिक मल्च बिछाना तथा मल्च के नीचे बीज बोने का कार्य सरलता से होगा। उन्होंने किसानों से इस तकनीक का उपयोग करने की अपील की है।
कृषि क्षेत्र के अनेक जरूरी कार्यों को पूरा करने में किसानों को अधिक मेहनत के साथ अधिक समय भी लगता है। इन कामों के लिए लगभग किसानों को 29 मानव-दिन प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। अब इन सभी कार्यों को एक साथ करने के लिए ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर विकसित किया गया है। इस यंत्र में ट्रैक्टर की हाइड्रोलिक प्रणाली का उपयोग करके हाइड्रोलिक मोटर (385 न्यूटन मीटर) तथा चेन-स्प्रोकेट ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म से संचालित किया जाता है, वहीं बीज मापने की इकाई में वैक्यूम ट्रैक्टर के पीटीओ से चलने वाले एस्पिरेटर ब्लोअर द्वारा तैयार किया जाता है। एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म ड्राइविंग डिस्क की घूमने वाली गति को कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से स्लाइडर क्रैंक में ऊर्ध्वाधर गति में बदल देता है और पंच प्लांटिंग मैकेनिज्म के “डी” प्रोफाइल को मिट्टी में खोलता है। न्यूमैटिक बीज मापने वाली प्लेट और एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म को इस प्रकार समकालिक किया गया है कि मापने वाली प्लेट द्वारा उठाया गया बीज बंद प्लांटिंग जॉ जो बीज को पकड़े रखता है और स्लाइडर क्रैंक के माध्यम से प्लास्टिक मल्च में प्रवेश करने के बाद उसे छोड़ता है।
इस यंत्र की खासियत
इस यंत्र की प्रभावी कार्य क्षमता 0.2 हेक्टेयर प्रति घंटा और कार्य कुशलता 74 प्रतिशत है, जो 1.7 किलोमीटर प्रति घंटा की गति और 1 मीटर कार्य चौड़ाई पर आधारित है।
यंत्र की कुल लागत 3 लाख रुपए है और संचालन लागत 1500 रुपए प्रति घंटा हैं। इसका पेबैक पीरियड 1.9 वर्ष (444 घंटे) और ब्रेक-ईवन पॉइंट 70 घंटे प्रति वर्ष है।
इस यंत्र की मदद से कतार से कतार की दूरी 0.5 से 0.9 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 0.2 से 0.6 मीटर रखकर बुआई की जा सकती है। इस यंत्र की सहायता से ड्रिप लेटरल-कम-प्लास्टिक मल्च लेयर मशीन की तुलना में 26 मानव-दिन प्रति हेक्टेयर 89 प्रतिशत और 6600 रुपए प्रति हेक्टेयर 43 प्रतिशत की लागत की बचत करता है। यह यंत्र प्लास्टिक मल्च में उच्च मूल्य वाली फसलें जैसे खरबूजा, ककड़ी, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, हरि मटर, भिंडी, फलियाँ आदि लगाने के लिए उपयुक्त है।
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