Haryana: 3 से 4 दिनों में आएगी अतिरिक्त यूरिया और डीएपी खाद, कृषि मंत्री ने दिलाया भरोषा

कृषि मंत्री ने बताया कि इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक यूरिया और डीएपी खाद की बिक्री हुई है। उन्होंने कहा कि आगामी 3 से 4 दिनों के दौरान 30,000 मीट्रिक टन अतिरिक्त यूरिया और 3,500 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति होने की संभावना है।
इन दिनों कई स्थानों पर यूरिया, डीएपी सहित अन्य रासायनिक खाद लेने के लिए किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने खरीफ सीजन- 2025 के दौरान किसानों को समय पर यूरिया और डीएपी जैसे आवश्यक उर्वरकों की आपूर्ति करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है और सरकार किसानों को सुचारू रूप से खाद उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है I
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 19 जुलाई 2025 तक प्रदेश में 7,76,209 मीट्रिक टन यूरिया की बिक्री हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 6,59,940 मीट्रिक टन था। इस प्रकार यूरिया की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इसी तरह, डीएपी की इस साल अब तक 2,45,870 मीट्रिक टन बिक्री हुई है, जो पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है।
3-4 दिनों में आएगी अतिरिक्त यूरिया और डीएपी खाद
राज्य सरकार के अनुसार आगामी 3-4 दिनों में लगभग 30,000 मीट्रिक टन अतिरिक्त यूरिया और 3,500 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति होने की संभावना है। इसके अलावा एनपीके जैसे अन्य उर्वरकों की आपूर्ति 1,20,000 मीट्रिक टन तक पहुंचने की उम्मीद है। कृषि मंत्री ने बताया कि खाद वितरण व्यवस्था को पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए जिला स्तर पर कड़ी निगरानी की जा रही है। इसके लिए विशेष डैशबोर्ड और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से वास्तविक समय में निगरानी की जा रही है, जिससे हर जिले में खाद की उपलब्धता और वितरण की जानकारी तुरंत मिल रही है।
उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे केवल खरीफ सीजन की आवश्यकता के अनुसार ही खाद खरीदें और रबी फसल के लिए अभी से भंडारण करने से बचें। उन्होंने कहा कि अनावश्यक भंडारण से अन्य किसानों को परेशानी हो सकती है और खाद की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।
किसान कृषि विभाग को दें खाद से जुड़ी अनियमितताओं की सूचना
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी खाद विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे खाद के साथ कोई अन्य सामग्री अनिवार्य रूप से न जोड़ें। ऐसा करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विशेष निगरानी टीमें गठित की गई हैं, जो नियमित निरीक्षण कर रही हैं। किसानों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी अनियमितता की सूचना तुरंत कृषि विभाग को दें।
उन्होंने आश्वासन दिया है कि आने वाले महीनों में खाद की आपूर्ति सुचारु रूप से जारी रहेगी। इसके लिए केंद्र सरकार और उर्वरक उत्पादक कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। राज्य के 2,500 से अधिक खाद वितरण केंद्रों से नियमित आपूर्ति हो रही है और इन केंद्रों पर स्टॉक की सख्त निगरानी की जा रही है। सरकार जैविक खाद और नैनो यूरिया जैसे वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम कर रही है ताकि मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सके।
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि मानती है और खरीफ सीजन में किसी भी हाल में खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य के किसान निश्चिंत होकर बुवाई और खेती में लगे रहें, सरकार हर संभव सहायता देने को तैयार है।
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