किसानों की जरूरतों की पूर्ति में किसान क्रेडिट कार्ड का अहम योगदान

Aug 3, 2025 - 19:34
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किसानों की जरूरतों की पूर्ति में किसान क्रेडिट कार्ड का अहम योगदान

कृषि से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने में अक्षम किसानों को किसी प्रकार की समस्या न उत्पन्न हो इसके लिए सरकार उन्हें ऋण मुहैया करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना संचालित कर रही है। इस योजना से किसानों को बहुत ही सुविधा मिल रही है। इस योजना में किसानों को उसकी जोत के आधार पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। 

केंद्र सरकार ने 1998 – 99 में किसान क्रेडिट कार्ड देने की घोषणा की। इसे भारतीय रिजर्व बैंक और नावार्ड की संयुक्त पहल पर तैयार किया गया। जिसकी जिम्मेदारी आरबीआई और नाबार्ड ने संभाली। योजना के तहत किसानों को उनकी जरूरत के आधार किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए बैंक से ऋण मिल रहा है। इस योजना के लागू होने के बाद किसानों को फसल के लिए अलग – अलग आवेदन करने की प्रक्रिया के झंझट से भी मुक्ति मिल गई है। अब एक बार जोत बही के आधार पर तैयार किए गये कार्ड से वे आसानी से अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। नजदीकी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से संपर्क कर जानकारी हासिल कर सकते हैं ।

 किसानों को समुचित और यथासमय सरल एवं असान तरीके से आर्थिक सहायता दिलाना है ताकि खेती एवं आसान तरीके से आर्थिक सहायता दिलाना है ताकि खेती एवं जरुरी उपकरणों की खरीद के लिए उनकी वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके | इस योजना के जरिए किसान सरल प्रक्रिया के तहत आसानी से अपनी जरूरतों को पुआ कर सकते हैं |

ऐसे मिलता है योजना का लाभ 

योजना के लाभ उठाने के लिए किसानों को अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्हें बस अपने क्षेत्र में स्थित बैंक में जाकर आवेदन करना होता है। जिसके बाद उन्हें एक पासबुक दी जाती है, जिसमें उनका पूरा विवरण, भूमि जोत का विवरण, उधार सीमा और वैधता अवधि, एक पासपोर्ट फोटो लगी होती है। यह पहचान पत्र का भी काम करता है | इस योजना के तहत ऋण सीमा के अनुरूप जो किसान 10 हजार तक ऋण लेते हैं उन्हें मर्जिंग मनी नहीं दी जाती है, जबकि 25 हजार से अधिक ऋण लेने वाले किसानों को 15 से 25 फीसदी तक मर्जिंग मनी का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत किसान खरीफ एवं रबी सीजन में 50 हजार रुपए तक का ऋण ले सकता है | 

भारत सरकार केई ओर से कार्यदल की सिफारिशें स्वीकार कर लेने के बाद नावार्ड द्वारा सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय बैंकों को और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वाणिज्य बैंकों को किसान क्रेडिट कार्ड पर संसोधित परिचालनात्मक दिशानिर्देश वर्ष 2012 को जारी किए गए हैं | इसके तहत पेपर कार्ड प्लास्टिक कार्ड हो गया है |

विशेषताएं

किसान क्रेडिट कार्ड के उधारकर्ता को एक एटीएम सह डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा ताकि वे एटीएमों एवं पीओएस टर्मिनलों से आहरण कर सकें।

एक विविध खाते के स्वहरूप का होगा। इस खाते में कोई जमा शेष रहने की स्थिति में उस पर बचत खाते के समान ब्याज मिलेगा ।

3 लाख रु तक की राशि पर प्रसंस्करण शुल्क नहीं लगाया जाता है।

नीचे दिए गए सम्परिश्विक प्रतिभूति में छूट दी गई है:

1 लाख रुपए तक की सीमा पर

3 लाख रुपए तक के ऋणों की सीमाओं के लिए जिनके संबंध में वसूली के लिए गठबंधन व्यवस्था की गई है।

केसीसी खातों का वार्षिक आधार पर नवीकरण करना आवश्यकक है जो कि उपर्युक्त देय तारीखों से काफी पहले किया जाना जरूरी है ताकि 5 वर्षों के लिए सतत आधार पर इसकी ऋण सीमा को जारी रखा जा सके। अत: शाखाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे यथा आवश्यएकता परिसीमन अधिनियम के तहत 3 वर्षों की समाप्ति के पूर्व नवीकरण पत्र प्राप्ति कर ले। इस नवीकरण के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए वर्तमान अनुदेशों के अनुसार शाखाएं संबंधित उधारकर्ताओं से एक साधारण-सा घोषणा-पत्र प्राप्त कर लें। केसीसी उधारकर्ताओं की संशोधित एमडीएल आवश्यकताओं का निर्धारण प्रस्तावित फसल की पद्धति एवं उनके द्वारा घोषित क्षेत्रफल के आधार पर किया जाएगा।

पात्र फसलों को फसल बीमा योजना- राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अंतर्गत कवर किया जाएगा।

सीमा तय करते समय शाखाएं किसान के पूरे वर्ष के लिए संपूर्ण उत्पादन की ऋण आवश्यकताओं को लें जिसमें फसल उत्पाकदन से संबंधित सहायक गतिविधियां जैसे कृषि संबंधी मशीनरी/उपकरण के रखरखाव, बिजली प्रभार आदि की ऋण जरूरतें भी शामिल हैं।

क्रेडिट सीमा के अंदर उधारकर्ता के सम्बद्ध गतिविधियां और फसलोत्तर क्रेडिट जरूरतें भी मुहैया करवाई जा सकती है।

कार्ड के अंतर्गत ऋण सीमा जिला स्तरीय तकनीकी समिति /राज्यर स्तयरीय तकनीकी समिति की सिफारिशों के अनुसार परिचालन जोत, फसल पद्धति तथा वित्ति की मात्रा के आधार पर नियत की जा सकती है। क्रेडिट कार्ड की सीमा तय करने के लिए परिचालन जोत में पट्टा लिए गए जमीन को शामिल किया जाएगा और पट्टा दिए गए जमीन को छोड़ दिया जाएगा। शाखाएं अपने विवेक के अनुसार स्वीकृत किए गए संपूर्ण क्रेडिट सीमा के अंदर, क्रेडिट आवश्यकताओं पर, मौसम तत्वा को लेते हुए, उप-सीमा तय कर सकती है।

किसान क्रेडिट कार्ड के अलग – अलग नाम

इलाहाबाद बैंक – किसान क्रेडिट कार्ड

आन्ध्र बैंक – ए.बी. किसान ग्रीन कार्ड

बैंक ऑफ़ बडौदा – बी किसान क्रेडिट कार्ड

बैंक ऑफ़ इंडिया – किसान समाधान कार्ड

केनरा बैंक – किसान क्रेडिट कार्ड

कार्पोरेशन बैंक – किसान क्रेडिट कार्ड

देना बैंक – किसान गोल्ड क्रडिट कार्ड

ओरिएंटल बैंक ऑफ़ कामर्स – ओरिएंटल ग्रीन कार्ड (ओ.जी.सी.)

पंजाब नेशनल बैंक – पी.एन.बी. कृषि कार्ड

स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद – किसान क्रेडिट कार्ड

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया – किसान क्रेडिट कार्ड

सिंडिकेट बैंक – सिंडिकेट किसान क्रेडिट कार्ड

विजया बैंक – विजया किसान क्रेडिट कार्ड

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