लाडली बहना योजना ने दिखाई राह, परिवार के लिए सहारा बनीं राजेश्वरी

मध्य प्रदेश में संचालित हों रही मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। यह योजना से उन्हें एक नई पहचान तो मिली ही है साथ ही उन्हें परिवार अपनी भागीदारी में अहम भूमिका निभाने में मददगार साबित हो रही है। जबलपुर की सीमा में शामिल ग्राम कुगवां की राजेश्वरी पटेल इसका एक अच्छा उदाहरण हैं।
राजेश्वरी पटेल ने मुख्यमंत्री लाडली योजना से हर माह मिलने वाली राशि को बचाकर गाय खरीदी और दूध का कारोबार शुरू किया। स्थिति यह है कि आज उनके पास चार गाय हैं। इन्हीं गायों से वह दूध का व्यवसाय कर अपने परिवार के साथ खुशहाली जीवन व्यतीत कर रही हैं।
राजेश्वरी बताती हैं कि उनके पति विजय पटेल पान का ठेला लगा कर परिवार का भरण पोषण करते थे, लेकिन यह पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नाकाफी था। जिसके कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसी को देखते हुए वह सरकारी स्कूल में मध्यान्ह भोजन तैयार करने लगीं। सेंट्रलाइज्ड किचन से सप्लाई शुरू होने पर उन्हें स्कूल के बच्चों को मध्यान्ह भोजन परोसने का काम मिल गया।
हालांकि कुछ समय के बाद नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ अभियान में उनके पति को अपना ठेला बंद करना पड़ा। जिसके बाद वह खेतों में मजदूरी करने लगे। ऐसे उनके सामने घर चलाना सबसे बड़ी समस्या बन गई। राजेश्वरी का कहना है, इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने परिवार में सभी से दूध का व्यवसाय शुरू करने का विचार विमर्श किया, जिस पर सभी ने अपनी सहमति जताई। उन्होंने बताया कि मात्र एक गाय दूध का कारोबार शुरू किया। इस व्यवसायंसे परिवार की जरूरत पूरी होने पर उन्होंने इसे आगे बढ़ने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत बैंक खाते में बचा कर रखी कई महीनों की राशि से राजेश्वरी ने एक और गाय खरीदी। अब उनके पास दो गाय हो गई। ऐसे ही उन्होंने फिर एक एक कर दो गाय और खरीदी। अब उनके पास चार गाय हो गईं हैं और दूध के व्यवसाय से उन्हें 10 से 15 हजार रुपये प्रति माह की आय हो रही है।
घी बेचकर भी हो जाती है अच्छी कमाई
राजेश्वरी बताती हैं कि गांव के ही कई परिवार उनसे 50 रुपये लीटर की दर से दूध ले रहे हैं। इसके अलावा वह ग्राहकों की मांग पर बचे हुए दूध से घी भी निकलती है और उसे बेचती हैं। उनका कहना है कि मांग अधिक होने से 900 रुपये किलो तक घी की बिक्री हो रही है। इसके।अलावा गोबर से उपले बनाकर उनकी अतिरिक्त कमाई हो जाती है।
What's Your Reaction?






