काबिलियत के सामने शारीरिक अक्षमता ने टेके घुटने

- किसान का बेटा बना दूसरों के लिए प्रेरणा
हुनर और काबिलियत किसी की मोहताज नहीं होती, वह अपना रास्ता खुद बना लेती है। जिसका पर्याय बना किसान का बेटा, जो बचपन से न तो बोल सकता और न ही सुन सकता है। उसने अपनी कला से अपने अंदर की कमियों को हावी नहीं होने दिया बल्कि अपने पिता और परिवार का नाम रोशन किया।
यह कहानी है फरीदकोट के छोटे से गांव चहल के रहने वाले 25 वर्षीय जसकरण सिंह की, जो 12 वीं पास हैं। वह जन्मजात न तो बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं। लेकिन उनकी इस कमी को उनकी काबिलियत ने हरा दिया। आज वह खूबसूरत पेंटिंग और टैटू बनाकर अपना रोजगार चला रहे हैं। उनसे टैटू बनवाने के लिए आस पास के ही नहीं बल्कि पंजाब के अन्य जिलों से लोग आते हैं। इसी काबिलियत के कारण आज उनकी चर्चा दूर दूर तक हो रही है।
अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बने जसकरण
शारीरिक कमी के कारण कुछ न कर पाने का मलाल रखने वाले लोगों के लिए जसकरण सबसे बड़ी प्रेरणा बन कर उभरे हैं, उनसे लोगों को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।
जसकरण ने धार्मिक स्थानों, नेताओं से लेकर बॉलीवुड के अदाकारों की पेंटिंग बनाकर चर्चा में है। बड़ी बात यह है लोग उन्हें अपनी शादियों में बुलाकर अपनी पोर्ट्रेट बनवाने के लिए मुंह मांगा पैसा देते हैं। उनके किसान पिता निर्मल सिंह का कहना है कि उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिली लेकिन बेटे ने अपने दम पर जो मुकाम हासिल किया है। उसे देखकर अब उन्हें उसके भविष्य को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है।
अपनी कला के लिए हो चुका है सम्मानित
जसकरण के पिता निर्मल सिंह ने बताया कि उसने इलाके के विधायक और पंजाब सरकार के स्पीकर कुलतार सिंह सांधवां का फोटो बना कर दिया था, जिसके लिए उन्होंने उसे सम्मानित भी किया था। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि मेरा बेटा गलत संगत और नशे से दूर रहकर अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है और परिवार का सहारा बन रहा है।
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