वैज्ञानिक खेती से उगाएं सब्जी, पाएं दोगुना लाभ

जुलाई और अगस्त का महीना किसानों को अपनी आय बढ़ाने का बड़ा अवसर है। इन दो महीने में किसान गर्मियों की सब्जी लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते है। इस संबंध में जिला बागवानी अधिकारी डॉ. कमल लाठर ने बताया कि इस समय बैंगन, टमाटर, लौकी, सेम और भिंडी जैसी गर्मियों की सब्जियों को किसान वैज्ञानिक तरीके लगाते हैं तो उनका मुनाफा दोगुना हो सकता है।
उनका कहना है कि जुलाई महीने में सब्जियों की नर्सरी तैयार कर लेनी चाहिए और जुलाई के अंत से अगस्त तक इन पौधों की रोपाई कर देनी चाहिए। जुताई के दौरान 10 टन प्रति एकड़ की दर से गोबर की पुरानी खाद खेत में मिलाएं। इसके अलावा एनपीके 50 किलो प्रति एकड़ की दर से डालें। अगर जिंक 21 प्रतिशत वाला है तो 10 किलो और 33 प्रतिशत वाला है तो 4 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। इसके बाद खेत में मेड़ बनाकर इन्हीं मेड़ों पर सब्जियों की पौध की रोपाई करें।
वैज्ञानिक विधि से खेती करने पर किसान सरकारी योजनाओं का लाभ भी आसानी से उठा सकते हैं।
सब्जियों की खेती में मल्चिंग विधि का उपयोग करने पर सरकार की ओर से 6400 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान मिलता है। साथ ही सब्जी लगाने के लिए 15,000 रुपये का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाता है। बेल वाली सब्जियों में बांस की विधि अपनाने पर 31,250 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान मिल सकता है। यदि किसान सिंचाई के लिए टपका विधि का उपयोग करते हैं तो उन्हें 15,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान मिल सकता है।
जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि किसानों को गर्मियों की सब्जियों की खेती वैज्ञानिक विधि से करनी चाहिए, जिससे अनुदान को मिलाकर उनका मुनाफा दोगुना से अधिक हो जाता है। जुलाई और अगस्त में लगाई जाने वाली सब्जियां अक्तूबर-नवंबर तक तैयार हो जाती हैं। इस समय त्योहारी सीजन होने के कारण सब्जियों की मांग भी अधिक होती है, जिससे किसानों को बाजार में दाम भी अच्छे मिल जाते हैं
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