बागवानी क्षेत्र में व्यापक वृद्धि के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन

देश में बागवानी क्षेत्र में व्यापक वृद्धि करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2005- 2006 (दसवीं योजना) के दौरान केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में राष्ट्रीय बागवानी मिशन की शुरुआत की गई। 11 वीं योजना के दौरात भारत सरकार की सहायता का अंश 85 प्रतिशत तथा राज्य सरकारों का अंशदान 15 प्रतिशत होगा।
उत्तर पूर्व के आठ राज्यों को छोड़कर (सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड समेत) सभी राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों को इस मिशन के अंतर्गत लाया गया है। उपरोक्त छूटे हुए सभी राज्यों को “उत्तर-पूर्व राज्यों में उद्यान विज्ञान के एकीकृत विकास हेतु तकनीकी मिशन” नामक अभियान के तहत लाया गया है। सरकार की ओर से राष्ट्रीय औषधीय पादप मिशन के अंतर्गत औषधीय पौधों की खेती, आधारभूत संरचना के विकास, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, बाजार व्यवस्था आदि से संबंधित योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत फसल के विविधीकरण द्वारा राज्य के किसानों, ग्रामीण युवाओं एवं महिलाओं को आय के अधिक आय का स्रोत उपलब्ध कराना है। कृषिकरण की इस परियोजना में वैसे औषधीय पादपों को शामिल किया जाना है जिसकी बाजार व्यवस्था सुनिश्चित हो। औषधीय उत्पादक, किसान संघ, स्वयं सहायता समूह, गैर सरकारी संगठन, कॉर्पोरेट कंपनी, निजी/लोक उपक्रम एवं औषधीय क्षेत्र के अन्य पणधारी इसका लाभ उठाने के पात्र हैं। जिला स्तर पर कार्य करने वाले पणधारी या समूह, जिला बागवानी मिशन कमेटी के माध्यम से तथा अंतर जिलों या राज्य स्तर पर कार्य करने को इच्छुक पणधारी मिशन मुख्यालय में परियोजना का प्रस्ताव समर्पित कर सकते हैं।
सर्वांगीण विकास के लिए सहायता अनुदान है उपलब्ध-
क्रम संख्या औषधीय पौधे उपलब्ध सहायता अनुदान
1 घृतकुमारी, कालमंघ, तुलसी, आँवला, स्टीविया, शतावर, बाह्मी, सफेद मुसली, गुड़मार, पिप्पली, अश्वगंधा, पत्थरचूर, तेजपात 20 प्रतिशत
2 बेल, सर्पगंधा, चित्रक, कलिहारी 50 प्रतिशत
3 गुग्गुल 75 प्रतिशत
केंद्र सरकार की योजनाएं
क्रम संख्या आधारभूत संरचना उपलब्ध सहायता अनुदान
1 नर्सरी का विकास 50 प्रतिशत
2 सुखाने का शेड निर्माण 50-100 प्रतिशत
3 भंडारण हेतु गोदाम निर्माण 50-100 प्रतिशत
4 प्रसंस्करण इकाई 25 प्रतिशत
क्रम संख्या प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन उपलब्ध सहायता अनुदान
1. प्रयोगशाला की स्थापना 30 प्रतिशत
2. बाजार प्रोत्साहन 50 प्रतिशत
3. बाजार आसूचना 50 प्रतिशत
4. पुनर्खरीद व्यवस्था परियोजना आधारित
5. औषधीय जाँच पर होने वाले व्यय का भुगतान 50 प्रतिशत या अधिकतम 5000 रुपये
6. जैविक/जी.ए.पी प्रमाणीकरण 50 प्रतिशत
7 फसली बीमा 50 प्रतिशत
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